छत्तीसगढ़ के 33 जिलों का गठन
छत्तीसगढ़ के संभाग एवं जिलों का निर्माण
वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य में जिलों की संख्या 33 हो गई है। छत्तीसगढ़ के इस भू-भाग में जिलों के बनने का एक लंबा इतिहास रहा हैं। यहां कभी रियासतें हुआ करती थी, तो वहीं अंग्रेजों का शासन भी इस क्षेत्र में था। तो आइए जानते है दोस्तों छत्तीसगढ़ के इस भू-भाग में जिलों के बनने की कहानी।
छत्तीसगढ़ जिला (1855) - 13 मार्च 1854 में अंग्रेजों ने हड़प नीति के तहत नागपुर राज्य को ब्रिटिश साम्राज्य में प्रांत के रूप में शामिल कर लिया। छत्तीसगढ़ नागपुर राज्य का हिस्सा होने के कारण ब्रिटिश साम्राज्य में शामिल हो गया और 1855 में छत्तीसगढ़ को जिला का दर्जा दिया गया।
1857 की क्रांति के बाद भारत में ब्रिटिश संसद द्वारा 1858 में भारत सरकार अधिनियम लाया गया। इस अधिनियम के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी से भारतीय उपनिवेश का नियंत्रण समाप्त कर दिया गया और भारत को सीधे ब्रितानी राजशाही के नाम पर शासित किया जाने लगा। अधिनियम के लागू होने के बाद ब्रिटिश भारत में महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव किए गए।
(1) रायपुर (1861) - सागर, नेरबुड्डा क्षेत्रों और नागपुर प्रांत को मिलाकर 2 नवम्बर 1861 में मध्य प्रांत का गठन किया गया। 1861 में छत्तीसगढ़ के इस क्षेत्र में रायपुर, बिलासपुर और संबलपुर जिले की स्थापना हुई। मुख्यालय रायपुर
(2) बिलासपुर जिला (1861) - 2 नवम्बर 1861 में बिलासपुर जिले की स्थापना हुई। मुख्यालय बिलासपुर
छत्तीसगढ़ संभाग (1862) - 1862 में बिलासपुर, रायपुर और संबलपुर को मिलाकर छत्तीसगढ़ को संभाग बनाया गया।
1905 में मध्य प्रांत और बंगाल प्रांत का पुर्नगठन हुआ। मध्य प्रांत में बरार को शामिल कर दिया गया और मध्य प्रांत को मध्य प्रांत एवं बरार कहा जाने लगा। छत्तीसगढ़ संभाग के संबलपुर जिले को बंगाल प्रांत में शामिल कर दिया गया।
(3) दुर्ग जिला (1906) - 1 जनवरी 1906 में बिलासपुर और रायपुर जिले से दुर्ग जिले का गठन किया गया। मुख्यालय दुर्ग
Central Pronices and Barar |
15 अगस्त 1947 को भारत से अंग्रेजों का शासन समाप्त हो गया। तब छत्तीसगढ़ के इस क्षेत्र में तीन जिले (बिलासपुर, रायपुर दुर्ग) और 14 रियासते थी। 1948 में इन 14 रियायतों से तीन नए जिले (रायगढ़, सरगुजा और बस्तर) जिले का गठन किया गया।
छत्तीसगढ़ के 3 जिले और 14 रियासत (1948) |
छत्तीसगढ़ के रियायत
01 बस्तर
02 कांकेर
03 उदयपुर (धरमजयगढ़)
04 सारंगढ़
05 जशपुर
06 रायगढ़
07 कोरिया
08 चांग बखार
09 सरगुजा
10 नांदगांव
11 खैरागढ़
12 छुईखदान
13 कवर्धा
14 सक्ती
(2) बिलासपुर जिला (1861) - बिलासपुर जिले में सक्ति रियासत को शामिल किया गया ।
(3) दुर्ग जिला (1906)- नांदगांव, खैरागढ़, छुईखदान और कवर्धा रियासत को दुर्ग जिले में शामिल किया गया।
(4) रायगढ़ जिला (1948) - 1 जनवरी 1948 को उदयपुर (धरमजयगढ़), सारंगढ़, जशपुर एवं रायगढ़ रियासत को मिलाकर रायगढ़ जिला बनाया गया। मुख्यालय रायगढ़
(5) सरगुजा जिला (1948) - 1 नवम्बर 1948 को कोरिया, चांग बखार, सरगुजा रियासत को मिलाकर सरगुजा जिला बनाया गया। मुख्यालय अंबिकापुर
(6) बस्तर जिला (1948) - 1 जनवरी 1948 को बस्तर और कांकेर रियासत को मिलाकर बस्तर जिला बनाया गया। मुख्यालय जगदलपुर
इस तरह 1948 में छत्तीसगढ़ के इस क्षेत्र में 6 जिले थे।
1948 में छत्तीसगढ़ के 6 जिले |
1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना की गई और छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का एक हिस्सा था।
बिलासपुर संभाग (1956) - 1956 में बिलासपुर, सरगुजा एवं रायगढ़ जिले को शामिल कर बिलासपुर संभाग का गठन किया गया।
रायपुर संभाग - 1956 में रायपुर संभाग में रायपुर, दुर्ग एवं बस्तर जिले थे।
(7) राजनांदगांव जिला (1973) - 26 जनवरी 1973 को दुर्ग जिले से राजनांदगांव जिले की स्थापना की गई। मुख्यालय राजनांदगांव
इसी तरह रायपुर संभाग के जिले जिलों की संख्या 4 (रायपुर, दुर्ग, बस्तर, राजनांदगांव) हो गई।
बस्तर संभाग (1981) - सन् 1981 में बस्तर संभाग को संभाग का दर्जा दिया गया। इसी तरह 1981 में छत्तीसगढ़ भू-भाग में संभाग की संख्या 3 और जिलों की संख्या 7 (रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, सरगुजा, बस्तर, राजनांदगांव) थी।
1981 में छत्तीसगढ़ में 7 जिले और 3 संभाग |
1998 में 9 नए जिलों का गठन किया गया।
1998 में 9 जिलों का गठन, कुल जिले 16 एवं संभाग 3 |
(08) कोरिया (1998) - 25 मई 1998 को सरगुजा जिले से कोरिया जिला अस्तित्व में आया। मुख्यालय बैकुंठपुर
(09) कोरबा (1998) - 25 मई 1998 को बिलासपुर जिला से कोरबा जिला का गठन किया गया। मुख्यालय कोरबा
(10) जांजगीर-चांपा (1998) - 25 मई 1998 को बिलासपुर जिला से जांजगीर-चांपा जिला बना। मुख्यालय जांजगीर
(11) जशपुर (1998) - 25 मई 1998 को रायगढ़ जिला का विभागजन कर जशपुर जिला बना। मुख्यालय जशपुर नगर
(12) कांकेर (1998) - 25 मई 1998 को बस्तर जिला से कांकेर जिला बना। मुख्यालय कांकेर । 2003 में कांकेर जिला का नाम बदलकर उत्तर बस्तर कांकेर जिला किया गया।
(13) दंतेवाड़ा (1998) - 25 मई 1998 को बस्तर जिला से दंतेवाड़ा जिला बना। मुख्यालय दंतेवाड़ा । 2003 में दंतेवाड़ा जिला नाम बदलकर दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा किया गया।
(14) धमतरी (1998) - 6 जुलाई 1998 को रायपुर जिला से धमतरी जिला बना। मुख्यालय धमतरी
(15) महासमुंद (1998) - 6 जुलाई 1998 को रायपुर जिला से महासमुंद जिला बना। मुख्यालय महासमुंद
(16) कवर्धा (1998) - 6 जुलाई 1998 को राजनांदगांव एवं बिलासपुर जिला से कवर्धा जिला बना। मुख्यालय कवर्धा । 2003 में कवर्धा जिले का नाम बदलकर कबीरधाम किया गया।
इस तरह छत्तीसगढ़ क्षेत्र में जिलों की संख्या 16 और संभाग की संख्या 3 (रायपुर, बिलासपुर, बस्तर) हो गई। इन 16 जिलों ओर 3 संभाग के साथ 01 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश राज्य से छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया। राज्य निर्माण के कुछ समय बाद संभागीय प्रशासनिक ईकाई भंग कर दी गई थी।
छत्तीसगढ़ के जिलों का नाम परिवर्तन (2003) - 2003 में कवर्धा जिले का नाम बदलकर कबीरधाम, दंतेवाड़ा जिले का नाम बदलकर दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा और कांकेर जिले का नाम बदलकर उत्तर बस्तर कांकेर कर दिया गया।
(17) नारायणपुर (2007) - 1 मई 2007 को बस्तर जिला से नारायणपुर जिला बनाया गया। मुख्यालय नारायणपुर
(18) बीजापुर (2007) - 1 मई 2007 को दंतेवाड़ा जिला से बीजापुर जिला बनाया गया। मुख्यालय बीजापुर
इस तरह छत्तीसगढ़ में जिलों की संख्या 18 हो गई।
सरगुजा संभाग (2008) - सन् 2008 में पुनः संभागों का गठन किया गया और 01 अप्रैल 2008 को सरगुजा, कोरिया, जशपुर जिले से एक नया संभाग सरगुजा का गठन किया गया।
सन् 1 जनवरी 2012 में छत्तीसगढ़ में 9 नए जिले अस्तित्व में आए।
(19) बलौदाबाजार-भाठापारा (2012) - रायपुर जिला से बलौदाबाजार-भाठापारा जिला बना। मुख्यालय बलौदाबाजार
(20) गरियाबंद (2012) - रायपुर जिला से गरियाबंद जिला बना। मुख्यालय गरियाबंद
(21) मुंगेली (2012) - बिलासपुर से मुंगेली जिला बना। मुख्यालय मुंगेली
(22) सुकमा (2012) - दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिला से सुकमा जिला बना। मुख्यालय सुकमा
(23) कोण्डागांव (2012) - बस्तर जिला से कोण्डागांव जिला बना। मुख्यालय कोण्डागांव
(24) बेमेतरा (2012) - दुर्ग जिला से बेमेतरा जिला बना। मुख्यालय बेमेतरा
(25) बालोद (2012) - दुर्ग जिला से बालोद जिला बना। मुख्यालय बालोद
(26) सुरजपुर (2012) - सरगुजा जिला से सुरजपुर जिला बना। मुख्यालय सुरजपुर
(27) बलरामपुर (2012) - सरगुजा जिला से बलरामपुर जिला बना। मुख्यालय बलरामपुर
दुर्ग संभाग (2014) - जनवरी 2014 में दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम जिला को शामिल कर दुर्ग संभाग बनाया गया। इसी तरह छत्तीसगढ़ में जिलों की संख्या 27 और संभाग की संख्या 5 हो गई।
2012 में 9 जिलों का गठन, कुल जिले 27 एवं संभाग 5 |
(28) गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही (2020) - 10 फरवरी 2020 कों बिलासपुर जिले से गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला छत्तीसगढ़ के 28वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया। मुख्यालय - गौरेला
सितम्बर 2022 में 5 नये जिले बनाने गए।
2022 में 5 जिलों का गठन, कुल जिले 33 एवं संभाग 5 |
(29) मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी (2022) - 2 सितम्बर 2022 को राजनांदगांव जिला से 29वां जिला मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी बना। मुख्यालय मोहला
(30) सारंगढ़-बिलाईगढ़ (2022) - 3 सितम्बर 2022 को बलौदाबाजार-भाटापारा एवं रायगढ़ जिले से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बना । मुख्यालय सारंगढ़
(31) खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई (2022) - 3 सितम्बर 2022 राजनांदगांव जिले से खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिला बना। मुख्यालय खैरागढ़
(32) मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (2022) - 9 सितम्बर 2022 को कोरिया जिला से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला बना। मुख्यालय मनेंद्रगढ़
(33) ) सक्ति (2022- 9 सितम्बर 2022 को जाजंगीर-चापा जिले से छत्तीसगढ़ का 33वां जिला सक्ती जिला बना। मुख्यालय सक्ति
इस तरह वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य में जिलों की संख्या 33 और संभागों की संख्या 5 है।
रायपुर संभाग - 05 01. रायपुर 02. धमतरी 03. महासमुंद 04. गरियाबंद 05. बलौदाबाजार-भाठापारा बिलासपुर संभाग - 08 06. बिलासपुर 07. रायगढ़ 08. कोरबा 09. जांजगीर-चांपा 10. मुंगेली 11. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 12. सारंगढ़-बिलाईगढ़ 13. सक्ति
बस्तर संभाग - 07 14. बस्तर 15. उत्तर बस्तर कांकेर 16. बीजापुर 17. दक्षिण बस्तर कांकेर 18. सुकमा 19. नारायणपुर 20. कोण्डागांव सरगुजा संभाग - 06 21. सरगुजा 22. जशपुर 23. कोरिया 24. सुरजपुर 25. बलरामपुर 26. मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर दुर्ग संभाग - 07 27. दुर्ग 28. राजनांदगांव 29. कबीरधाम 30. बेमेतरा 31. बालोद 32. मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी 33. खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई
1948 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में जिले बनने का सफर |
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