छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना-
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के पशुपालकों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है। जिसका नाम है- छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना। इस योजना अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों से दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाएगा और इस गोबर को वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर 8 रूपए प्रति किलो की दर से बेचने की योजना हैं। इस तरह गोबर खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है।
योजना का शुभारंभ-
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना का शुभारंभ 20 जुलाई 2020 को छत्तीसगढ़ की पहली तिहार हरेली से किया गया है।
योजना का लाभ कैसे लें-
इस योजना के अंतर्गत गोबर की खरीदी गांव के गौठान समिति द्वारा किया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए पशुपालक गांव के गौठान में गोबर बेच सकते है। हितग्राहियों को गौठानों में क्रय पत्रक दिया जात है जिसमें गोबर की मात्रा एवं राशि का पंजीकृत की जाती है। बेचे गए गोबर की राशि का भुगतान 15 दिनों के भीतर बैंक खाते में कर दिया जाएगा।
सरकार गोबर का क्या करेगी-
पशुपालकों द्वारा बेचे गए गोबर को गौठान समिति एवं स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद व अन्य उत्पाद बनाया जाएगा। यह खाद 8 रूपए प्रति किलो की दर से सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों के साथ वन विभाग, कृषि विभाग, शहरी प्रशासन विभाग को विभिन्न वृक्षारोपण अभियानों के लिए बेचा जाएगा।
गोधन न्याय योजना का उद्देश्य -
इस योजना के तहत आवारा पशुओं को गौठानों में रखने की व्यवस्था की जाएगी। रोजगार के अवसर मिलने पर राज्य के लोगों का आर्थिक स्तर में सुधार होगा। जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। खुली चराई पर भी रोक लगेगी। गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन भी मिलेगा। पशुओं की होने वाली दुर्घटनाओं पर भी रोक लगेगी। पशुपालक अपने मवेशियों को उचित चारा-पानी उपलब्ध कराएंगे और उन्हें अपने स्थान पर बांध कर रखेंगे जिससे चारे के लिए पशु घुमने नहीं, जिससे फसलों की सुरक्षा होगी और सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर भी रोक लगेगी।
EmoticonEmoticon