दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन, बिलासपुर
South East Central Railway zone, Bhilaspur |
- वर्तमान में छत्तीसगढ़ का अधिकांश रेल लाईन दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत आता है।
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन (क्षेत्र) का मुख्यालय बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में है।
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर जोन देश का 16वां रेलवे जोन है।
- इस जोन के निर्माण की घोषणा 20 सितम्बर 1998 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई।
- 5 अप्रैल 2003 को यह नया जोन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा ही राष्ट्र को समर्पित किया गया।
- वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा सेवा प्रदत्त क्षेत्रों का विकास पिछले 125 वर्षों में विभिन्न चरणो में हुआ।
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के कार्यक्षेत्र में बिलासपुर, रायपुर तथा नागपुर मंडल आतें हैं।
- इसके पूर्व बिलासपुर तथा रायपुर रेल मंडल दक्षिण-पूर्व रेलवे कोलकता से तथा नागपुर मंडल मध्य रेलवे से संचालित होते थे।
- प्रदेश का सबसे पुराना रेलमंडल बिलासपुर रेल मंडल है, जिसकी स्थापना 1900 में किया गया था।
- नागपुर रेल मंडल (एसईसी) की स्थापना 1 अप्रैल 1952 को किया गया।
- रायपुर रेल मंडल की स्थापना 1 अप्रैल 2003 को किया गया।
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर भारत के सभी 17 रेलवे जोनों में सबसे अधिक आय अर्जित करने वाला ज़ोन है।
- भारतीय रेल मंत्रालय को राजस्व का 1/6 भाग बिलासपुर जोन से प्राप्त होता है।
- छत्तीसगढ़ का प्रथम रेलवे स्टेशन राजनांदगांव है।
- राज्य का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन सिमलीगुड़ी (बस्तर) है।
- छत्तीसगढ़ का सबसे लम्बा प्लेटफार्म बिलासपुर रेलवे स्टेशन का है।
- छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस बिलासपुर से अमृतसर जंक्सन के मध्य चलती है।
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर रेलवे पुलिस का मुख्यालय रायपुर में है।
- प्रदेश में रेलवे सुरक्षा के लिए रायपुर में रेलवे पुलिस अधीक्षक पद बनाया गया है।
- छत्तीसगढ़ में रेलवे थाना डोंगरगढ़, भिलाई, रायपुर, बिलासपुर तथा रायगढ़ में है।
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे बिलासपुर के प्रमुख अधिकारी महाप्रबंधक कहलाते है।
- रेल मंडल में मंडल रेल प्रबंधक होते है।
- रेलवे स्टेशन के प्रमुख अधिकारी स्टेशन मास्टर कहलाते है।
- 1880 में राजनांदगांव से नागपुर तक मीटर गेज (एक मीटर चौड़े गेज को मीटर गेज या मीटर लाइन कहते हैं) लाईन की नींव रखी गई, जो 1882 में प्रारंभ हुआ। इसका नाम नागपुर छत्तीसगढ़ रेलवे था तथा इसका मुख्यालय नागपुर को बनाया गया। प्रारंभ में इसे अकालग्रस्त क्षेत्रों में अनाज परिवहन के लिए उपयोग किया गया।
- छत्तीसगढ़ में प्रथम ब्रोडगेज रेल सेवा (चौड़े गेज को ब्रॉड गेज या बड़ी लाइन कहते है) 27 नवम्बर 1888 को नागपुर एवं राजनांदगांव के मध्य प्रारंभ हुआ।
- रायपुर से धमतरी तक 89 किलोमीटर की एकमात्र नैरो गेज (छोटे गेज को नैरो गेज या छोटी लाइन कहते हैं) रेल लाईन है।
- प्रदेश में रेलमार्ग की कुल लम्बाई लगभग 1108 किलोमीटर है।
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